प्रसंग-5 प्रेम: चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं रोगी के लिए

प्रसंग-5: प्रेम: चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं रोगी के लिए
                                                    कष्टहर औषधि सुलभ मैं                                                                                                                                 
                                                    मोहिनी संताप की मैं                                                                                                                                       
                                                    प्राण में नवतेज का संचार हूँ                                                                                                                                 
                                                    मैं प्रेम हूँ
                                                                                               -II मैं प्रेम हूँ II
                                                     वैद्यराज प्रेमी कहो औषधि प्रेम दुलार                                                                                                                    
                                                     ईश्वर भी पाए जिसे बन कर के बीमार
                                                                                                   -II प्रेमसारावली II

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